jhansi news : सहेली से शादी करने के लिए लिंग बदलवाना चाहती हैं छह लड़कियां, कुछ लड़कों ने भी पकड़ी ऐसी ही जिद
Published By ~ Nandu Kushwha
सार
जिद से परेशान परिवार वाले इन्हें मनोरोगी मानते हुए मनोचिकित्सक के पास पहुंच रहे हैं। यहां काउंसलिंग की जा रही है। मनोचिकित्सक का कहना है कि यह सभी अपने दोस्तों से शादी करने की जिद पर अड़े हुए हैं।
प्रतीकात्मक तस्वीर
विस्तार
अपनी सहेलियों से शादी करने के लिए छह लड़कियां जेंडर बदलवाना चाहती हैं। वहीं चार लड़के भी अपने समलैंगिक दोस्त से विवाह करने की जिद पर अड़े हैं। ये भी सर्जरी कराने के लिए चिकित्सकों से परामर्श ले रहे हैं। वहीं इनकी इस जिद से परेशान परिवार वाले इन्हें मनोरोगी मानते हुए मनोचिकित्सक के पास पहुंच रहे हैं। यहां काउंसलिंग की जा रही है। मनोचिकित्सक का कहना है कि यह सभी अपने दोस्तों से शादी करने की जिद पर अड़े हुए हैं।
अभी तक बड़े शहरों में ही जेंडर आइडेंटिटी डिस्ऑर्डर के मामले सामने आते थे लेकिन अब झांसी और ललितपुर जैसे छोटे शहरों में भी इस प्रकार के काफी केस मिल रहे हैं। जिला अस्पताल की मनोचिकित्सक डॉ. शिकाफा जाफरीन ने बताया कि पिछले तीन महीनों में झांसी के सात और ललितपुर का एक केस उनके पासा आया है। जिसमें लोग अपना जेंडर बदलवाकर अपने दोस्त से शादी करना चाहते हैं।
इनमें छह तो लड़कियां ही हैं। एक केस तो ऐसा आया, जिसमें व्यक्ति ने 40 साल की उम्र में अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़ दिया है। वह किसी युवक के साथ रहने लगा है। जबकि, एक युवती तो सिर्फ 18 साल की है, जिस पर लड़का बनकर अपनी सहेली से शादी करने की जिद सवार है। कई लोग तो परिजनों के न मानने पर आत्महत्या करने तक की धमकी देने लगते हैं। ऐसे लोगों की अस्पताल में काउंसलिंग की जा रही है।
परिजन इन बातों का रखें ध्यान
परिजन इन बातों का रखें ध्यान
- बच्चों का जेंडर के हिसाब से ही पालन पोषण करें।
- कोई बदलाव दिखे तो मनोचिकित्सक के पास लाएं।
- बच्चों से बातचीत करते रहें, ताकि वो अपनी बात साझा करें।
- अगर जेंडर बदलवाने जैसी बात सामने आती है तो मारपीट न करें। समझाएं।
तीन महीने में दो केस सामने आए
मनोचिकित्सक डॉ. अर्जित गौरव ने बताया कि पिछले तीन महीने में उनके पास जेंडर बदलवाने के दो केस सामने आए हैं। ये दोनों युवक अपने दोस्त के साथ रिलेशनशिप में हैं। इनमें से एक युवक के परिजन तो यह बात बताते-बताते रो पड़े। कहने लगे कि किसी तरह बेटे को ठीक कर दीजिए। अभी उनकी काउंसलिंग चल रही है।
केस-1
खुद रख लिया लड़के जैसा नाम
शहर क्षेत्र की रहने वाली एक युवती अपनी सहेली से शादी करना चाहती है। दोनों में काफी लगाव भी है। उसका पहनावा भी लड़कों जैसा है। कुछ समय पहले उसकी मां मनोचिकित्सक के पास लेकर पहुंचीं। उसे कोई हार्मोनल डिस्ऑर्डर नहीं है। मां ने चिकित्सक को बताया कि उनकी बेटी ने खुद ही लड़के जैसा नाम रख लिया। जब जेंडर बदलवाने से मना किया तो हाथ की नस काट ली। अभी उसका इलाज चल रहा है।
मनोचिकित्सक डॉ. अर्जित गौरव ने बताया कि पिछले तीन महीने में उनके पास जेंडर बदलवाने के दो केस सामने आए हैं। ये दोनों युवक अपने दोस्त के साथ रिलेशनशिप में हैं। इनमें से एक युवक के परिजन तो यह बात बताते-बताते रो पड़े। कहने लगे कि किसी तरह बेटे को ठीक कर दीजिए। अभी उनकी काउंसलिंग चल रही है।
केस-1
खुद रख लिया लड़के जैसा नाम
शहर क्षेत्र की रहने वाली एक युवती अपनी सहेली से शादी करना चाहती है। दोनों में काफी लगाव भी है। उसका पहनावा भी लड़कों जैसा है। कुछ समय पहले उसकी मां मनोचिकित्सक के पास लेकर पहुंचीं। उसे कोई हार्मोनल डिस्ऑर्डर नहीं है। मां ने चिकित्सक को बताया कि उनकी बेटी ने खुद ही लड़के जैसा नाम रख लिया। जब जेंडर बदलवाने से मना किया तो हाथ की नस काट ली। अभी उसका इलाज चल रहा है।
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सहेली से शादी करने को बदलवाना है जेंडर
ललितपुर की 21 वर्षीय युवती भी अपनी दोस्त से शादी करने के लिए जेंडर बदलवाना चाहती है। हालांकि, इससे पहले खुद को मानसिक तौर पर मजबूत करने के लिए वो जिला अस्पताल की मनोचिकित्सक के पास पहुंची। उसने डॉक्टर से सर्जरी के दौरान होने वाले रिस्क को लेकर बात की। पूछा कि सर्जरी फेल होने की कितनी संभावना है। शरीर में क्या दिक्कत हो सकती हैं। वह इंटरनेट पर भी इस बारे में कई दिनों से पढ़ रही है।
केस-3
40 साल की उम्र में परिवार को छोड़ दिया
सीपरी बाजार के रहने वाला एक व्यक्ति 40 साल की उम्र में अपने बीवी-बच्चों को छोड़कर 30 वर्षीय युवक के साथ रहने लगा है। डॉ. शिकाफा ने बताया कि कुछ समय पहले वह उनके पास आया और कहते लगा कि परिवार को छोड़ने का फैसला कई सालों से लेना चाहता था। अब बच्चे बड़े हो गए तो वह अपने दोस्त के साथ रह रहा है। जल्द ही जेंडर बदलवाकर दोनों शादी भी कर लेंगे। डॉक्टर अभी उसकी काउंसलिंग कर रही हैं।
सहेली से शादी करने को बदलवाना है जेंडर
ललितपुर की 21 वर्षीय युवती भी अपनी दोस्त से शादी करने के लिए जेंडर बदलवाना चाहती है। हालांकि, इससे पहले खुद को मानसिक तौर पर मजबूत करने के लिए वो जिला अस्पताल की मनोचिकित्सक के पास पहुंची। उसने डॉक्टर से सर्जरी के दौरान होने वाले रिस्क को लेकर बात की। पूछा कि सर्जरी फेल होने की कितनी संभावना है। शरीर में क्या दिक्कत हो सकती हैं। वह इंटरनेट पर भी इस बारे में कई दिनों से पढ़ रही है।
केस-3
40 साल की उम्र में परिवार को छोड़ दिया
सीपरी बाजार के रहने वाला एक व्यक्ति 40 साल की उम्र में अपने बीवी-बच्चों को छोड़कर 30 वर्षीय युवक के साथ रहने लगा है। डॉ. शिकाफा ने बताया कि कुछ समय पहले वह उनके पास आया और कहते लगा कि परिवार को छोड़ने का फैसला कई सालों से लेना चाहता था। अब बच्चे बड़े हो गए तो वह अपने दोस्त के साथ रह रहा है। जल्द ही जेंडर बदलवाकर दोनों शादी भी कर लेंगे। डॉक्टर अभी उसकी काउंसलिंग कर रही हैं।
केस-4
पहले पैसे कमा लूं फिर सर्जरी करवाऊंगा
झांसी के एक डिग्री कॉलेज में पढ़ने वाला एक छात्र लड़की बनकर अपने दोस्त से शादी करना चाहता है। मगर ये बात अपने परिजनों से नहीं कह पा रहा है। वह दिनभर इस बारे में सोचते-सोचते डिप्रेशन में आ गया। जब मनोचिकित्सक के पास पहुंचा तो उनसे सर्जरी में आने वाले खर्च के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि इसमें तो बहुत पैसा खर्च होगा। तब कहने लगा कि पहले पैसे कमा लूं फिर जरूर जेंडर बदलवा लूंगा।
केस-5
साथ रहते-रहते सहेली से हो गया प्यार
शहर इलाके की एक युवती पढ़ने के लिए दिल्ली गई हुई थी। वह कुछ सहेलियों के साथ कमरा लेकर रहने लगी। साथ रहते-रहते उसे एक सहेली से प्यार हो गया। सहेली का भी आकर्षण उसके प्रति हो गया। जब वह दिल्ली से लौटकर झांसी आ गई तो घंटों सहेली से फोन पर बात करती रही। परिजनों को शक हुआ तो कड़ाई से पूछताछ की। इस पर युवती ने पूरी बात परिजनों को बता दी। फिर परिजन उसे मनोचिकित्सक के पास लेकर आए।
पहले पैसे कमा लूं फिर सर्जरी करवाऊंगा
झांसी के एक डिग्री कॉलेज में पढ़ने वाला एक छात्र लड़की बनकर अपने दोस्त से शादी करना चाहता है। मगर ये बात अपने परिजनों से नहीं कह पा रहा है। वह दिनभर इस बारे में सोचते-सोचते डिप्रेशन में आ गया। जब मनोचिकित्सक के पास पहुंचा तो उनसे सर्जरी में आने वाले खर्च के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि इसमें तो बहुत पैसा खर्च होगा। तब कहने लगा कि पहले पैसे कमा लूं फिर जरूर जेंडर बदलवा लूंगा।
केस-5
साथ रहते-रहते सहेली से हो गया प्यार
शहर इलाके की एक युवती पढ़ने के लिए दिल्ली गई हुई थी। वह कुछ सहेलियों के साथ कमरा लेकर रहने लगी। साथ रहते-रहते उसे एक सहेली से प्यार हो गया। सहेली का भी आकर्षण उसके प्रति हो गया। जब वह दिल्ली से लौटकर झांसी आ गई तो घंटों सहेली से फोन पर बात करती रही। परिजनों को शक हुआ तो कड़ाई से पूछताछ की। इस पर युवती ने पूरी बात परिजनों को बता दी। फिर परिजन उसे मनोचिकित्सक के पास लेकर आए।
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